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कार्तिक पूर्णिमा 2025: आज महास्नान, देव दीपावली और दान का महासंयोग, जाने पूजा विधि और शुभ मुहूर्त


5 नवंबर 2025, बुधवार
नई दिल्ली/देशभर: सनातन धर्म का सबसे पवित्र पर्व, कार्तिक पूर्णिमा, आज (5 नवंबर, बुधवार) देशभर में पूरे हर्षोल्लास और भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की यह पूर्णिमा तिथि न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष महत्व रखती है, बल्कि इस दिन गंगा स्नान और दीपदान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी पावन तिथि पर देव दीपावली भी मनाई जाती है और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती (गुरु पर्व) भी मनाई जा रही है।


पावन तिथि और शुभ मुहूर्त
उदया तिथि को महत्व देते हुए, आज 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है।

अनुष्ठानशुभ मुहूर्त (5 नवंबर 2025)महत्व
पूर्णिमा तिथि समाप्तशाम 06:48 बजेउदया तिथि के कारण व्रत, दान और स्नान आज ही
गंगा स्नान/पवित्र स्नानसुबह 4:52 बजे से 5:44 बजे तकस्नान-दान का सर्वोत्तम समय
सुबह की पूजासुबह 7:58 बजे से 9:20 बजे तकभगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना
प्रदोष काल (दीपदान)शाम 5:15 बजे से 6:05 बजे तकदेव दीपावली और लक्ष्मी पूजा का शुभ समय
स्नान, दीपदान और दान का विशेष महत्व
  1. गंगा स्नान:
    धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वयं देवता पृथ्वी पर आकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इसलिए इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  1. देव दीपावली:
    मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक शक्तिशाली राक्षस का वध किया था, जिस कारण देवताओं ने प्रसन्न होकर काशी में दीये जलाए थे। इसलिए आज के दिन काशी (वाराणसी) में घाटों पर भव्य देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। शाम को घरों और मंदिरों में दीपदान करना अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।
  2. दान:
    कार्तिक माह में दान का विशेष महत्व बताया गया है, और पूर्णिमा के दिन यह महत्व और भी बढ़ जाता है। आज के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, कंबल, घी, चावल, और तिल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कई जन्मों तक फल देता है।

  3. पूजन विधि: ऐसे करें भगवान को प्रसन्न
  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर और तुलसी के पौधे की साफ-सफाई करें। तुलसी की पूजा करना इस माह में अत्यंत शुभ होता है।
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। उन्हें पीले फूल, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनना या पढ़ना बहुत फलदायी होता है।
  • शाम को प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार, तुलसी चौरा, और छत पर दीये अवश्य जलाएं।
  • रात्रि में चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को दूध और जल से अर्घ्य दें और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।

  • गुरु पर्व: गुरु नानक जयंती
    आज कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व भी मनाया जा रहा है। गुरुद्वारों में प्रभात फेरी, कीर्तन, लंगर और विशेष अरदास का आयोजन किया जा रहा है, जहाँ लाखों श्रद्धालु मत्था टेकने पहुँच रहे हैं। यह दिन मानवता, सेवा और प्रेम के संदेश को याद करने का है।
    आज के दिन बन रहे सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग इस पर्व को और भी अधिक पुण्यकारी बना रहे हैं। देशभर में भक्तजन पवित्रता और भक्ति के इस महापर्व को उत्साह से मना रहे हैं।
    क्या आप जानना चाहेंगे कि कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा कैसे की जाती है?
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