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जशपुर पुलिस ने नए आपराधिक कानूनों पर जागरूकता प्रदर्शनी लगाई, 500 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल


जशपुर। न्यायिक व्यवस्था को त्वरित और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जशपुर पुलिस ने 17 नवंबर 2025 को सिटी कोतवाली थाना परिसर में नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में जागरूकता हेतु एक भव्य प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जिला मुख्यालय के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों से 500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जहाँ उन्हें नए कानूनों में हुए महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।


कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह की अध्यक्षता में किया गया, जबकि नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर उप निदेशक अभियोजन सुरेश कुमार साहू, सहायक निदेशक अभियोजन विपिन शर्मा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विवेक शर्मा व आरती खटकवार, तथा वरिष्ठ समाजसेवी मैनेजर राम सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत पुलिस अनुविभागीय अधिकारी चंद्रशेखर परमा द्वारा अतिथियों के पुष्प गुच्छ से स्वागत के साथ हुई।


अपने संबोधन में, मुख्य अतिथि अरविंद भगत ने नए कानूनों को जनता को न्याय दिलाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उठाया गया ‘क्रांतिकारी कदम’ बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाली पीढ़ियां इस सकारात्मक बदलाव को महसूस करेंगी। उप निदेशक अभियोजन सुरेश कुमार साहू ने भी न्यायिक प्रक्रिया पर इन बदलावों के सकारात्मक असर की पुष्टि की। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आरती खटकवार ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि ये नवीन कानून महिलाओं और बच्चों को अधिक न्यायिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।


सहायक निदेशक अभियोजन विपिन शर्मा ने विद्यार्थियों को नए कानूनों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब शिकायतकर्ता को उनकी शिकायत पर जांच की स्थिति की सूचना देना अनिवार्य होगा। इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से की गई शिकायतों पर पुलिस को जांच के उपरांत तीन दिनों में FIR दर्ज करना आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने जीरो FIR के प्रावधान पर प्रकाश डाला, जिसके तहत नागरिक देश में कहीं भी अपराध दर्ज करा सकते हैं, जिसे बाद में संबंधित थाने को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। गंभीर अपराधों में पुलिस को महिला संबंधी अपराधों पर 60 दिवस और अन्य अपराधों पर 90 दिवस के भीतर जांच विवेचना कर चालान कोर्ट में पेश करना अनिवार्य होगा। उन्होंने यह भी बताया कि 07 वर्ष से अधिक की सजा वाले गंभीर अपराधों में घटनास्थल का फोरेंसिक अधिकारी द्वारा जांच कराया जाना आवश्यक है।


जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने आगे बताया कि नए कानून के तहत पुलिस को घटनास्थल की तलाशी और ज़ब्ती की प्रक्रिया की ऑडियो/वीडियो ग्राफी कराकर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना अनिवार्य है। चिकित्सा अधिकारी को चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट बिना किसी देरी के देनी होगी, जिसमें बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में 07 दिवस के भीतर मेडिकल जांच रिपोर्ट देना प्रावधानित है, साथ ही पीड़िता की जानकारी को गोपनीय रखना आवश्यक है।


समापन संबोधन में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा कि नए कानून में किए गए बदलाव न्यायिक प्रक्रिया में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि ये नवीन कानून “दंड से न्याय की ओर” की अवधारणा को स्थापित करते हैं और लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जिले के अन्य थाना/चौकी क्षेत्रों में भी इस तरह के जागरूकता अभियान चलाए जाएँगे।


कार्यक्रम के दौरान उपस्थित 500 से अधिक स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों को नवीन कानूनों के संबंध में महत्वपूर्ण और विस्तृत जानकारियां प्राप्त हुईं।


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