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दंड से न्याय की ओर: जशपुर पुलिस का नाट्य प्रदर्शन राज्योत्सव का बना मुख्य आकर्षण, मुख्यमंत्री ने की सराहना!


रायपुर/जशपुर: छत्तीसगढ़ के 25वें राज्य स्थापना दिवस पर नया रायपुर में आयोजित ‘राज्योत्सव’ में जशपुर पुलिस की रचनात्मक पहल ‘दंड से न्याय की ओर’ नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा और पूरे आयोजन का मुख्य आकर्षण का केंद्र बन गई है। यह नाटक नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – के प्रावधानों को अत्यंत सरल और जीवंत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है।

  • मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया नाट्य प्रस्तुति का अवलोकन: सीएम ने नाटक की विषय-वस्तु और पुलिस विभाग की पहल की जमकर प्रशंसा की।
  • एसएसपी जशपुर श्री शशि मोहन सिंह द्वारा निर्देशन: नाटक का निर्देशन SSP जशपुर श्री शशि मोहन सिंह ने किया, जबकि डॉ. आनंद पाण्डेय (प्रसिद्ध नाट्य कलाकार) ने सहायक निर्देशन का कार्य किया।
  • नए कानूनों पर आधारित ज्ञानवर्धक प्रस्तुति: नाटक एफआईआर से लेकर 70 दिनों में चालान और 90 दिनों में न्यायिक फैसले तक की पूरी प्रक्रिया को 10 दृश्यों में मंचित करता है।
  • तकनीक और वैज्ञानिक साक्ष्यों पर जोर: ई-एफआईआर, डीएनए, फिंगरप्रिंट, CCTNS, और NAFIS जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रमुखता से दर्शाया गया।
  • कलाकार हैं वास्तविक पुलिसकर्मी: इस प्रस्तुति में अभिनय करने वाले सभी 30 पात्र वास्तविक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं, जिन्होंने विभिन्न न्यायिक भूमिकाएं निभाईं।

  • 🌟 मुख्यमंत्री ने सराहा पुलिस का प्रयास
    कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वयं इस नाट्य प्रस्तुति का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि “इस प्रकार की प्रस्तुतियाँ न केवल जनजागरण का माध्यम बनती हैं, बल्कि लोगों को नए कानूनों की जानकारी सरल और रोचक तरीके से प्रदान करती हैं।” यह नाटक पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा द्वारा पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम की परिकल्पना और आईजी श्री ध्रुव गुप्ता के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है।

  • दंड’ से ‘न्याय’ की ओर का संदेश
    यह नाटक हत्या और डकैती की एक घटना से शुरू होता है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे नए कानूनों के तहत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिलने के मिनटों के भीतर त्वरित कार्यवाही होती है, ई-एफआईआर दर्ज होती है, और फारेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जाते हैं।

  • एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि “हमारे नाटक को जनता का भरपूर प्यार मिल रहा है। दर्शक न सिर्फ नाटक को पसंद कर रहे हैं, बल्कि यह भी बता रहे हैं कि यह नए कानून में हुए बदलाव को बहुत सरलता से समझने में सहयोग कर रहा है।”
    नाटक का मुख्य संदेश यही है कि भारतीय कानून का उद्देश्य अब केवल “दंड” देना नहीं, बल्कि “न्याय को तीव्र, पारदर्शी और जनहितैशी बनाना” है। इंस्पेक्टर किरण ठाकुर और एएसआई संतराम साहू जैसे किरदारों के माध्यम से दिखाया गया कि तकनीक कैसे जांच को निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया को तेज बनाती है।

  • विशेष योगदान
    इस सफल प्रस्तुति को तैयार करने में सीआईडी की डीआईजी श्री प्रखर पाण्डेय, एआईजी श्री विवेक शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती वर्षा मिश्रा, और डीएसपी डाॅक्टर प्रमिला सहित कई पुलिस अधिकारियों का विशेष योगदान रहा है।
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